What is Yellow Fungus? Causes, symptoms, prevention, here's how you can stay safe right now
मई 24, 2021
येलो फंगस क्या ?
कोविड से रिकवर हुए मरीजों में ब्लैक और वाइट फंगस के बाद अब येलो फंगस सरकार और डॉक्टरों की चिंता बढ़ा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार येलो फंगस ब्लैक और वाइट फंगस से ज्यादा खतरनाक है।
भारत में इस फंगस की पहला केस कहां मिला?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक अस्पताल में इस फंगस की पुष्टि हुई है एक 45 - 46 साल के व्यक्ति में इस फंगस का संक्रमण मिला है। इस बीमारी को म्युकर स्पेक्टिक्स कहां जाता है।
जैसे इस फंगस से संक्रमित होने के बाद कोई घाव होता है तो उसमें से मवाद का रिसाव होने लगता है और घाव बहुत ही धीमी गति से ठीक होती है इस दौरान मरीज की आंखें अंदर की तरफ घुस जाती है और कई अंग तो काम करना भी बंद कर देती है। जिस कारण उसका मेटाबॉलिक सिस्टम भी खराब हो जाता है
येलो फंगस के लक्षण क्या है?
- नाक का बंद होना
- शरीर में घाव से मवाद बहना
- लगातार वजन कम होना
- धसी हुई आंखें
- शरीर कुपोषित जैसे लगना
- हृदय धड़कन का बढ़ जाना
- शरीर में कमजोरी आना
- शरीर में दर्द होना
- भूख ना लगना
- शरीर के अंगो का सुन्न हो जाना आंखों में धुंधलापन छा जाना थकान महसूस होना।
कितना खतरनाक है येलो फंगस ?
डॉक्टरों के अनुसार रेप्टाइल्स वर्ग जैसे सांप छिपकली आदि रेप्टाइल्स वर्ग के प्रमुख उदाहरण है डॉक्टरों का कहना है कि अगर इस वर्ग के जीव जंतु इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं तो उनका जिंदा बचना मुश्किल हो जाता है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंसानों के लिए फंगस कितना खतरनाक हो सकता है।
किन्हें खतरा है येलो फंगस से ?
डॉक्टरों का कहना है किया पंगस लोगों को अपनी चपेट में लेगा जिनका रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होता है। इसके अलावा जीव जंतुओं को भी अपनी चपेट में तब लेगा जब उनका रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होता है।
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कैसे बचें येलो फंगस से ?
इस फंगस से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली पोषक तत्व को अपनी डाइट में शामिल करें। बासी खाने को बिल्कुल अपने आहार में किसी भी कीमत में शामिल ना करें। इसके अलावा साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें।