छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस Chhattisgarh rajya sthapna diwas 2021
अक्तूबर 31, 2021
छत्तीसगढ़ राज्य का स्थापना ( Establishment of Chhattisgarh State )
जब बात आती है छत्तीसगढ़ की स्थापना की तो हमारे मन में यें बात जरुर आती है कि आखिर किस आधार पर और किसने छत्तीसगढ़ राज्य का नाम रखा है तो सबसे पहले जन लेते है, छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना को जानने से पहले इसकी नामकरण के बारे में जानते हैं,कि छत्तीसगढ़ राज्य का नाम छत्तीसगढ़ किसने रखा था। तो इस पर कई मत है जिस पर मतभेद है चलिए जान लेते है आखिर किसका क्या मत है -
- वेगलर के अनुसार - वेगलर के अनुसार के अनुसार सबसे पहले जरा संघ के काल में इस क्षेत्र में 36 परिवार पलायन कर इस क्षेत्र में बस गए थे जिसके अनुसार छत्तीसगढ़ शब्द बना।
- हीरालाल जी के अनुसार - हीरालाल जी के अनुसार महाजनपद काल में छत्तीसगढ़ महाजनपद के अंतर्गत आता था बाद में इसी से अपभ्रंश होकर छत्तीसगढ़ शब्द बना।
- इतिहासकार चिस्म के अनुसार - छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक इतिहासकार हुए जिसका नाम चिस्म था इनके अनुसार कलचुरी शासक के एक राजा कल्याण साय ने जमाबंदी प्रथा के द्वारा इस क्षेत्र में 36 गढ़ बनाया जो शिवनाथ नदी के उत्तर में 18 और दक्षिण में 18 गढ़ थे इसी के आधार पर 18 -18 मिलाकर छत्तीसगढ़ शब्द बना।
छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण कैसे हुआ How was the state of Chhattisgarh formed?
छत्तीसगढ़ राज्य को अस्तित्व में लाने के लिए क्षेत्र के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसके बदौलत छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया। तो आइए जानते हैं आखिर किन का महत्वपूर्ण योगदान रहा और किस संविधान संशोधन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य को राज्य का दर्जा मिला -
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के नींव के रूप में सर्वप्रथम 2 नवंबर 1861 में मध्य प्रांत का गठन हुआ जिसमें छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल था और इन तीनों की राजधानी नागपुर को बनाया गया और छत्तीसगढ़ में रायपुर बिलासपुर और संबलपुर जिलों का गठन किया गया।
इसके बाद 1862 मध्य प्रांत में 5 संभाग बनाए गए जिसमें छत्तीसगढ़, इसके बाद 1905 में बंगाल विभाजन के समय वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य का स्वरूप सामने आया। इस प्रकार छत्तीसगढ़ का प्रथम मानचित्र तैयार हुआ।
पंडित सुंदरलाल शर्मा ने 1918 को छत्तीसगढ़ राज्य का स्पर्श रेखा चित्र पांडुलिपि में खींचा इस प्रकार इन्हें छत्तीसगढ़ का प्रथम संकल्पनाकार या स्वप्न दृष्टा कहा जाता है। 1924 में रायपुर के जिला परिषद में पृथक छत्तीसगढ़ की मांग उठी।
इस प्रकार छत्तीसगढ़ को एक पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनाने की मांग चलती रहे और आजादी के समय छत्तीसगढ़ राज्य मध्य प्रांत और बरार का हिस्सा था।और 1 नवंबर 1956 को जब मध्य प्रदेश का गठन होगा तब छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश में शामिल कर दिया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन हेतु संवैधानिक प्रावधान Constitutional Provision for the formation of Chhattisgarh State
भारत में संवैधानिक रूप से कोई भी बिल विधायक के रुप में सबसे पहले लोकसभा में प्रस्तुत होती है और लोकसभा से पास होने के बाद राज्यसभा में इसके बाद लास्ट में राष्ट्रपति द्वारा इसे पारित कर दिया जाता है, तो चलिए देखते हैं छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना हेतु कब बिल पेश किया गया और कब पारित हुआ -
1.लोकसभा - छत्तीसगढ़ राज्य के पृथक निर्माण हेतु सर्वप्रथम 25 जुलाई 2000 को लोकसभा में विधेयक को प्रस्तुत किया गया , लालकृष्ण आडवाणी के द्वारा। वही यह विधायक 31 जुलाई 2000 को लोकसभा से पारित हो जाता है और राज्यसभा के लिए अग्रेषित कर दी जाती है।
2. राज्यसभा में 3 अगस्त 2000 को यह विधेयक प्रस्तुत किया जाता है, 9 अगस्त 2000 को राज्यसभा से पारित कर राष्ट्रपति के पास भेज दिया जाता है।
3.राष्ट्रपति के पास यह विधेयक 28 अगस्त 2000 को के आर नारायणन द्वारा हस्ताक्षर कर दिया जाता है और इस प्रकार यह विधेयक पूर्णता पारित हो गया।
इस प्रकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद तीन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना मध्य प्रदेश से अलग होकर देश का 26 वां राज्य बना । छत्तीसगढ़ राज्य को पृथक राज्य के रूप में दर्जा पाने में पूरे 44 साल का समय लगा। इस प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण हेतु किसी भी प्रकार का संविधान संशोधन नहीं किया गया है। बल्कि यह मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत बनाया गया है। 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया ।