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Parshuram Jayanti 2022 : इस वजह से परशुराम जयंती मनाया जाता है | भगवान परशुराम से जुड़ी पांच महत्वपूर्ण बातें जिन्हें शायद आप भी नहीं जानते

 

अक्षय तृतीया/परशुराम जयंती/ अक्ती 2022

 वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को प्रतिवर्ष अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ में इस दिन को अक्ती के नाम से नाम से बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का छत्तीसगढ़ में विशेष महत्व है इस दिन विवाह का शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन भगवान परशुराम विष्णु के छठे अवतार के रूप में इसी दिन धरती पर हो रहे पाप और अत्याचार के विनाश के लिए अपने इस रूप को धारण किए थे तब से इस दिन को परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है तो इस लेख में हम भगवान परशुराम के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।

भगवान परशुराम कौन थे who was lord parshuram

भगवान परशुराम ऋषि जमदग्नि और रेणुका के पांच पुत्रों में से चौथा पुत्र था और भगवान परशुराम भगवान शिव के परम भक्त थे। अक्षय तृतीया यानी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष के तृतीय को भगवान विष्णु ने भगवान परशुराम के रूप में छठवां अवतार लिया था इसलिए इस दिन को अक्षय तृतीया के साथ-साथ परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। भगवान परशुराम ब्राम्हण थे लेकिन उनका जो गुण था वह क्षत्रिय था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार परशुराम न्याय के देवता भी कहे जाते हैं और धरती पर राजा द्वारा अन्याय अधर्म और पाप कर्मों के नाश के लिए भगवान शिव ने परशुराम का अवतार लिया था। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान परशुराम को भी हनुमान भगवान की तरह चिरंजीवी माना जाता है। कहा जाता है भगवान परशुराम शिव के परम भक्त थे और अपनी कड़ी तपस्या से भगवान शिव को प्रसन्न कर दिए जिस कारण भगवान शिव ने उन्हें अस्त्र शास्त्र और फरसा धारण करवाएं तब से उनका नाम परशुराम पड़ा इसके अलावा परशुराम को रामभद्र, भार्गव, भृगुवंशी के नाम से भी जाना जाता है।

परशुराम जयंती 2022 में कब पड़ रहा है When is Parshuram Jayanti falling in 2022

साल 2022 में परशुराम जयंती यानी अक्षय तृतीया 3 मई को वैशाख माह शुक्ल पक्ष को परशुराम जयंती पड़ रहा है। इसके लिए शास्त्रों के अनुसार शुभ मुहूर्त सुबह 5:20 से शुरू होकर 4 मई 2022 को सुबह 7:30 तक शुभ मुहूर्त रहेगी।

परशुराम भगवान के मंत्र क्या है -

ॐ ब्रह्मक्षत्राय विघ्ज्ञहे धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात।
ॐ जामदग्न्याय विघ्ज्ञहे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।

अक्षय तृतीया परशुराम जयंती पर पूजा कैसे करें-

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन निम्न तरीके से पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है जैसे -

  • भगवान परशुराम जयंती अक्षय तृतीया के दिन सबसे पहले सूर्योदय से पहले उठ कर नहा लेना चाहिए और स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए।

  • इसके पश्चात पूरे घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए।

  • अगर घर में मंदिर हो या फिर आप के मंदिर कक्ष में भगवान परशुराम की तस्वीर स्वच्छ कपड़ा बिछाकर रखें।

  • इसके बाद तस्वीर पर रोली फूल माला आदि का भोग लगाना चाहिए।

  • फिर भगवान परशुराम की आरती करना चाहिए।

भगवान परशुराम आज्ञाकारी पुत्र थे-

मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम एक आज्ञाकारी पुत्र थे एक बार भगवान परशुराम के पिता माता रेणुका से किसी कारण से नाराज हो जाते हैं तो अपने सभी पुत्रों से कहते हैं की माता रेणुका की वध कर दिया जाए भगवान परशुराम का पालन करते हुए अपनी माता का वध कर दिया था।जिसके बाद भगवान परशुराम के पिता परशुराम से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान मांगने के लिए कहा तो भगवान परशुराम ने वरदान के रूप में तीन चीज मांगे पहला अपनी मां को जिंदा करने के लिए कहा,इसके बाद दूसरे में अपने बड़े भाई को ठीक करने के लिए कहा, और तीसरे वरदान में कभी भी पराजय ना होने का आशीर्वाद मांगा।।

भगवान गणेश से क्या संबंध रखते हैं परशुराम How is Parashuram related to Lord Ganesha-

पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान परशुराम भगवान शिव के परम भक्त थे जिस कारण भगवान परशुराम भगवान शिव के दर्शन करने के लिए एक बार कैलाश पर्वत गए लेकिन भगवान शिव के और पार्वती के पुत्र भगवान गणेश परशुराम को भगवान शिव से मिलने के लिए मना कर दिया और परशुराम क्रोधित होकर भगवान गणेश के एक दांत को तोड़ दिए तब से भगवान गणेश को एकदंत भी कहा जाता है।

परशुराम जयंती का महत्व क्या What is the importance of Parshuram Jayanti -

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार परशुराम जयंती का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता अनुसारइस दिन विधि विधान से अगर पूजा की जाए तो मोक्ष की प्राप्ति होती है इसके अलावा निसंतान दंपति अगर इस दिन व्रत रखते हैं तो उन्हें निश्चित ही पुत्र की प्राप्ति होती है। और भगवान विष्णु की कृपा उन पर बनी रहती है। भगवान परशुराम शिव भगवान के एक ऐसे भक्त थे जिनसे भगवान शिव प्रसन्न होकर उन्हें वरदान में फरसा दिए थे। ऐसे भगवान परशुराम का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।


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