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Anne Frank Google Doodle | ऐनी फ्रैंक की जीवन परिचय इन हिंदी | द डायरी ऑफ यंग गर्ल की लेखिका कौन है

Anne Frank

ऐने फ्रैंक कौन थी उसका परिचय (Anne Introduction to Who Was Anne Frank ) :-

ऐने फ्रैंक एक साधारण लेख निबंध लिखने वाली लेखिका थी, और उनका जन्म 12 जून 1929 को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट नामक शहर में हुआ था।बहुत ही कम समय में दुनिया में राज करने वाली गर्ल बन गई ,साथ ही सभी महिलाओं के दिलो में राज करने वाली महिला बन गई है,और अपने जीवन में इसी डायरी के वजह से पूरी दुनिया में प्रसिद्धि प्राप्त की। ऐने फ्रैंक की व्यक्तिगत मानना थी की डायरी के पन्नों में बहुत अधिक धैर्य होता है बजाय लोगों के और आज के आर्टिकल में ऐने फ्रैंक के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण तथ्य पर विस्तार से चर्चा करेंगे और आपको उनके जीवन से जुड़े सभी तथ्यों से रूबरू कराएंगे। इसी कड़ी में आज गूगल ने ऐनी फ्रैंक का डूडल लगाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है और यहां उनकी 75 वीं वर्षगांठ पर गूगल ने इस तरह का डूडल बनाया है। बता दे ऐनी फ्रैंक को 12 जून सन 1942 को उनके पिता ऑटोक्रैंक ने एक लाल और सफेद रंग की चेक वाली एक डायरी गिफ्ट की थी इस डायरी में 12 जून 1942 से 1 अगस्त 1944 के बीच उनकी जिंदगी में जो भी घटनाएं घटित हुई उन सभी का घटना को इस डायरी में लिख रखा था।

ऐने फ्रैंक की जीवनी (Anne Frank biography in Hindi ) :-

ऐने फ्रैंक का जन्म 12 जून 1929 को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट नामक शहर में हुआ था वह एक  यहूदी थी। जब वह 4 साल की थी तब द्वितीय विश्वयुद्ध का दौर था एडोल्फ हिटलर की नाजी सेना ने जर्मनी में यहूदियों के खिलाफ आतंक मचाया, तब नाजी सेना के आतंक से बचने के लिए ऐने फ्रैंक के पिता ऑटो फ्रैंक अपनी बेटी ऐने फ्रैंक और इसकी एक बहन और इसकी मम्मी को लेकर नीदरलैंड के एम्सटर्डम नामक शहर और उसके आसपास शहरों में रहने लगे लेकिन कुछ ही दिनों में नाजी सेना ने नीदरलैंड पर भी कब्जा कर लिया।

ऐने फ्रैंक की प्रसिद्ध डायरी का नाम क्या है :-

ऐने फ्रैंक की डायरी का नाम  " द डायरी ऑफ यंग गर्ल " ( Diary of a young Girl ) इसी डायरी को ऐने फ्रैंक के मृत्यु के बाद जब प्रकाशित हुई तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। यह डायरी नाटक और चलचित्र के साथ संकलित है।

ऐने फ्रैंक की मृत्यु कहां हुई ( where did anne frank die ):-

ऐने फ्रैंक जब 15 साल की थी इस समय वह अपने परिवार के साथ नीदरलैंड के एमस्टरडम में रह रहे थे, यह समय द्वितीय विश्व युद्ध था। इस दौरान दुनिया में भुखमरी का दौर चल रहा था। ऐनी फ्रैंक को टाइफास नामक बीमारी हो गई, जिसके बाद भूख कमजोरी और बाहरी यातना के कारण महज 15 साल की उम्र में बेलसेन के एक  यातना शिविर में मृत्यु हो गई।

ऐने फ्रैंक का परिवार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कहां छिप कर रुका था ( Where did Anne Frank's family hide during World War II ) :-

जब एडोल्फ हिटलर की नाजी सेना ने जर्मनी में यहूदियों के ऊपर आक्रमण किया तो ऐनी फ्रैंक अपने परिवार के साथ जर्मनी को छोड़कर नीदरलैंड के एम्सटर्डम में नाजी सेना से छिपकर रहने लगे।

ऐनी फ्रैंक की डायरी ( Diary of Anne Frank in hindi ):-

 " मैं परेशानियों के बारे में कभी नहीं सोचती बल्कि उन अच्छे पलों को याद करती हूं जो अब भी बाकी है "।

" मैं उन औरतों जैसा जीवन जीने के बारे में सोच भी नहीं सकती जो अपना काम करती रह जाती है, और भुला दी जाती है, मैं इस तरह का जीवन नहीं जीना चाहती जैसा कि ज्यादातर लोग जीते हैं, मैं एक ऐसा जीवन जीना चाहती हूं, जिससे दूसरे लोगों को फायदा हो उनको भी जिन से मैं नहीं मिली  " मैं मरने के बाद भी जीना चाहती हूं "।

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