शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जीवन परिचय इन हिंदी Shankaracharya swami swaroopanand biography in hindi

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Shankaracharya swami swaroopanand biography in hindi

              शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जीवन परिचय इन हिंदी 

द्वारका और शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया।शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी आदि गुरु भगवान भी कहा जाता है चारो दिशा में चार धार्मिक यानी चार मठ का निर्माण करवाया था ऐसे महान शंकराचार्य जी के जीवन परिचय के बारे में इस लेख में पूरी जानकारी लेने का प्रयास करेंगे।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जीवन परिचय इन हिंदी (Shankaracharya swami swaroopanand biography in hindi ) :-

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज जी का जन्मा आज से 98 वर्ष पूर्व मध्य प्रदेश के सिवनी जिला के अंतर्गत वैनगंगा के सुंदर तट पर स्थित एक गांव दिघोरी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
उनके पिताजी का नाम धनपति उपाध्याय और माता जी का नाम श्रीमती गिरिजा देवी था उनके माता-पिता ने बचपन में इनका नाम मोतीराम उपाध्याय रखा था जब स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी 9 वर्ष के थे तो वह घर छोड़कर यात्रा प्रारंभ शुरू कर दिए थे। इस यात्रा के दौरान वे काशी पहुंचे। यहां एक महाराज जो ब्रह्मलीन थे जिनका नाम ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज से वेद और वेदांगों और शास्त्रों की शिक्षा प्राप्त किया।
  • नाम                     -              शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज
  • अन्य नाम             -             पोथीराम उपाध्याय
  • जन्म                    -             2 सितंबर 1924
  • पिताजी का नाम   -             धनपति उपाध्याय
  • माता जी का नाम  -            श्रीमती गिरिजा देवी
  • पेशा                      -            हिंदू आध्यात्मिक गुरु, स्वतंत्रता सेनानी
  • जन्म स्थान           -             दिघोरी, जिला सिवनी मध्य प्रदेश भारत
  • मृत्यु                    -             11 सितंबर 2022
  • आयु                    -             99वर्ष

कैसे मिली शंकराचार्य की उपाधि ( How did you get the title of Shankaracharya ) :-

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज 1950 में दंडी संन्यासी बने।इसके बाद ज्योतिर मठ पीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती जी से धन सन्यास की दीक्षा प्राप्त किए, समय बीतता गया और स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के नाम से जाने, जाने लगा। और इस प्रकार वह हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु बन गए।

कैसे बने स्वतंत्रता सेनानी

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी सिर्फ हिंदुओं के धर्मगुरु नहीं थे बल्कि वह एक स्वतंत्र सेनानी के नाम से भी देश में और लोगों के दिल में जगह बनाए हैं, सन 1942 में जब भारत में भारत छोड़ो आंदोलन का ऐलान हुआ था उस समय इस आंदोलन में स्वामी जी सम्मिलित हुए।इस दौरान उनकी आयु महज 19 वर्ष था और इस प्रकार वह 19 वर्ष की आयु में क्रांतिकारी साधु के रूप में ख्याति प्राप्त किए। इसके बाद स्वामी जी को करपात्री महाराज के राजनीतिक दल " राम राज्य परिषद " का अध्यक्ष भी घोषित किया गया। आजादी की लड़ाई में सम्मिलित होने के कारण स्वामी जी को वाराणसी के जेल में 9 महीने और मध्य प्रदेश की जेल में 6 महीने की सजा भी काटनी पड़ी इस प्रकार स्वामी जी को कुल 15 माह की जेल की सजा भुगतनी पड़ी।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का राम मंदिर से संबंध

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी राम मंदिर और राम जन्मभूमि से भी संबंधित है। जब राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में होना था तो उस समय भाजपा और विश्व हिंदू परिषद गोस्वामी जी ने कहा-  " अयोध्या में राम मंदिर बनाने के नाम पर यह अपना ऑफिस खोलना चाहते हैं जो हमें बिल्कुल मंजूर नहीं, हिंदुओं में शंकराचार्य ही सबसे बड़ा होता है इसलिए हिंदुओं के सुप्रीम कोर्ट हम ही हैं " और इस प्रकार स्वामी जी को राम मंदिर निर्माण के इस मामले को राजनीतिक तरीके से देखना उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं था।

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का निधन (Swami swaroopanand saraswati ji passed away ) :-

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का निधन 11 सितंबर 2022 को 99 वर्ष की आयु में मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में हुआ है। शंकराचार्य के शिष्य ब्रह्मा विद्यानंद के अनुसार रविवार 11 सितंबर 2022 को हल्का हार्ट अटैक आने के बाद 3:00 बज के 50 मिनट में परमहंसी गंगा आश्रम में अंतिम सांस ली है शंकराचार्य हिंदुओं के सबसे बड़ा धर्म गुरु माना जाता है ऐसे में स्वामी जी का अंतिम विदाई सोमवार को शाम 5:00 बजे परमहंसी गंगा आश्रम में होगा। स्वामी जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे इससे पहले वे बेंगलुरु में इलाज करा कर लौटे थे।

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी से संबंधित FAQ

1.         शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी का निधन कितने वर्ष की आयु में
ANS-   शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी का निधन 99 वर्ष की आयु में हुआ।

2.         हिंदुओं के सबसे बड़े धर्म गुरु का नाम क्या है
ANS-   हिंदुओं के सबसे बड़े धर्म गुरु का नाम शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी है।

3.         स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का जन्म कब हुआ था
ANS-  शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का जन्म 2 सितंबर 1924 को हुआ था।

4.        शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के माता - पिता का नाम क्या था
ANS-  शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के पिता का नाम धनपति उपाध्याय और मां का नाम गिरिजा देवी था।

5.        शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का निधन कब हुआ
ANS-  शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का निधन 11 सितंबर 2022 को हुआ।

6.       शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के बचपन का नाम क्या था
ANS- शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के बचपन का नाम पोथीराम उपाध्याय था।

7.        शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज को कितने माह की जेल हुआ था
ANS-  शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज को कुल 15 महीने की जेल की सजा काटनी पड़ी थी।


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