किसान आंदोलनकारियों का जेल में हुआ सम्मान
जिले के इतिहास में पहली बार 9दिन तक बंद हुआ था कलेक्ट्रेट कार्यालय का मेनगेट
किसानों के साथ मिलकर लड़ी थी लड़ाई, 9 दिन तक लगातार बंद था कलेक्ट्रेट का मेनगेट
20 फरवरी 2020 को सरकार के धान खरीदी को पूर्ण बताकर खरीदी केंद्रों में ताला लगा दिया गया लेकिन जिले के हजारों हजार किसानों का धान जो टोकन के आधार पर सोसायटी खरीदी केंद्र ले गए थे उनका तौलाई नही हुआ था ट्रैक्टरों में खड़े थे
आक्रोशित किसानों ने नेशनल हाईवे सड़क पर जगह-जगह चक्का जाम कर दिया और साथ ही विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी के नेतृत्व में किसानों का एक समूह कलेक्टर कार्यालय कवर्धा के मेन गेट को बंदकर वही नगाड़ा बजाते धरना प्रारंभ कर दिए थे
आंदोलन के चलते कलेक्ट्रेट कार्यालय का गेट एक सप्ताह तक बंद था जिसे खुलवाने और आंदोलन को खत्म करने प्रशासन के द्वारा कार्यालय के बाहर पूरे क्षेत्र में धारा 144 की घोषणा की गई कलेक्ट्रेट कार्यालय के आसपास की समस्त रास्तों को सील कर जगह-जगह बैरिकेट्स और पुलिस की भारी तैनाती के साथ पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया आंदोलनकारी किसान और इसके रणनीतिकार कहां झुकने वाले थे एक रणनीति के मातृशक्ति माताओं बहनों को आंदोलन स्थल तक लाया गया और प्रारंभ हुआ हनुमान चालीसा और रामचरितमानस का पाठ प्रारंभ किया गया ।
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शासन प्रशासन के साथ इंद्रदेव भी किसानों की परीक्षा ले रहा था एक ओर जहां तेज धूप वहीं दूसरी ओर कड़कड़ाती बिजली और भीषण वर्षा के बीच किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे 9 दिन पूर्व हुआ और अंततः प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किसानों की धान खरीदी की घोषणा करनी पड़ी और सुखद परिणाम के साथ यह जन आंदोलन 9 दिन के पश्चात समाप्त होकर कलेक्टर कार्यालय का गेट खुला और किसानों ने आंदोलन स्थल पर होली मना कर खुशी मनाई
आंदोलन उपरांत पुलिसिया कार्रवाई करते हुए आंदोलनकारी किसान और भाजपा नेताओं की विरोध एफआईआर दर्ज किया गया जिसमें विजय शर्मा कैलाश चंद्रवशी भाईराम साहू मूलचंद साहू को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था शेष लोगों के नाम अभी भी कवर्धा थाने में प्रकरण दर्ज है
उक्त आंदोलन में जेल जाने वाले किसान नेताओं का गमछा माला और गुलाल से स्वागत कर आंदोलन की स्मृति को याद किया गया
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