अरुण साव का जीवन परिचय | Biography of Arun Sav | Arun Sav Biography In Hindi | CG Deputy CM Arun Sav
अरुण साव का जीवन परिचय ( Biography of Arun Sav )
भारतीय जनता पार्टी के विधायक जो मुंगेली जिला के लोरमी विधानसभा क्षेत्र के है, आखिरकार क्यों है अरुण साव चर्चा का विषय? तो इस लेख के माध्यम से उसके जीवन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं का विस्तार से वर्णन इस लेख के माध्यम से आपको प्राप्त होगा जो नीचे बिंदुवार दी गई है।
अरुण साव का प्रारंभिक जीवन परिचय ( Early Life Introduction of Arun Sav ):-
अरुण साव के प्रारंभिक जीवन परिचय की बात करें तो उनका जन्म 25 नवंबर 1968 को वर्तमान मुंगेली जिला के लोहाडीया नमक गांव में एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिताजी का नाम स्वर्गीय है अभय राम साव थे , 1980 के दशक में मुंगेली मंडल के मंडल अध्यक्ष रहे हैं। इसके बाद 1977- 80 तक जरहागांव विधानसभा के चुनाव संचालक रहे हैं। इस प्रकार राजनीतिक में अनुभव रखने वाले पिताजी थे, जिस वजह से अरुण साव भी राजनीति में अपना करियर बनाएं।
अरुण साव का प्रारंभिक शिक्षा ( Arun Sav's Early Education ):-
अरुण साव मुंगेली जिला के कबीर वार्ड में रहकर पले बढ़े हैं। मुंगेली के एस. एन. जी. कॉलेज में बीकॉम विषय में अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट किये हैं। उन्होंने बिलासपुर से एलएलबी की परीक्षा पास किए हैं।
अरुण साव का राजनीतिक सफर ( Arun Sao's Political Journey ):-
जैसे कि अरुण साव के पिताजी शुरुआत से ही जनसेवा में रुचि रखते थे, इसके अलावा अरुण साव जी अपने स्कूल और कॉलेज टाइम में कक्षा प्रतिनिधि का भी कार्य करते थे। जिस कारण आगे जाकर अरुण साव भी राजनीति अपने करियर की शुरुआत किए हैं, और 1990 से 1995 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तहसील मुंगेली के अध्यक्ष रहे हैं। के बाद 1996 में जिला युवा मोर्चा का जिला अध्यक्ष चुने गए। तत्कालीन विधायक अमर अग्रवाल के साथ महामंत्री भी रहे। राजनीति के अलावा सामाजिक स्तर पर भी अरुण साव जी का काफी अच्छा पकड़ रहा है, जिस कारण साहू समाज युवा प्रकोष्ठ मुंगेली तहसील सचिव नियुक्त किए गए थे। इसके अलावा साहू समाज के जिला अध्यक्ष भी चुने गए और आगे जाकर साहू समाज के प्रदेश सहसंयोजक भी चुने गए। इस प्रकार अरुण साव 1996 से 2005 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। इसके बाद 1998 में दशरंगपुर से जनपद सदस्य भारतीय जनता पार्टी से समर्थित सदस्य बने। इसके बाद 2001 में जब छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का स्थापना हुआ, तो अरुण साव यहां वकालत का काम शुरू हुआ। इस प्रकार 2005 से 2007 तक उप शासकीय अधिवक्ता के रूप में कार्य किए है। इसके बाद साल 2008 से 2013 तक उपमहा अधिवक्ता छत्तीसगढ़ शासन रहे हैं।
इसके बाद साल 2018 के विधानसभा चुनाव में अरुण साव ने कांग्रेस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव को हराकर की हासिल किए थे। इसके बाद अगस्त 2022 में आदिवासी समाज के विष्णु देव साय को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटकर अरुण शाह को इस पद का कार्यभार सोपा गया था क्योंकि पार्टी के हाई कमान समझ गए थे कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में अपनी सरकार न बनने के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश में सबसे बड़ा वोट बैंक ओबीसी समाज ही है, जिस वजह से अरुण साव को बीजेपी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
2023 के विधानसभा चुनाव में अरुण साव ( Arun Sav Role in The 2023 Assembly Election ):-
बताओ छत्तीसगढ़ प्रदेश के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष होते हुए अरुण साव ने मुंगेली जिला के लोरमी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में रहे और जीत भी हासिल किया और इन्होंने कोंग्रेस पार्टी के थानेश्वर साहू को हरा कर जीत हासिल किया है और मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री के लिए है हाईकमान ने इसके नाम को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री के नाम के दौड़ में शामिल किया है।